Friday, 3 April 2020

बिहार से बाहर फंसे लोगो को सहायता राशि रु.1000/-

बिहार सरकार आपदा प्रबंधन विभाग
मुख्यमंत्री राहत कोष , बिहार से आपदा प्रबंधन विभाग , बिहार पटना के माध्यम से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत बिहार से बाहर फसे लोगो को सहायता राशि रु.1000/ - दी जाएगी | इसे पाने के लिये आपको अपने  mobile मे एक एप इनस्टॉल करना होगा | और इस एप मे ऑनलाइन आवेदन करना होगा | इस एप का नाम (Bihar Corona Sahayata) है |
लाक डाउन के कारण बिहार के जो लोग बाहर अन्य राज्य में फंसे हुए हैं,  उनके दुःख को कम करने के लिये माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रति व्यक्ति 1000/-(एक हजार रूपये) की राशि मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप मे आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्णय लिया गया है |



यह योजना केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो बिहार राज्य के निवासी है तथा बिहार राज्य से बाहर कोरोना वायरस के चलते फसें हुए है | इसके लिए आपको कुछ कागजात की जरुरत पड़ती है जो इस प्रकार है :  

     1. लाभार्थी के आधार कार्ड की प्रति
     2. लाभार्थी के नाम से बैंक खाता जो बिहार राज्य में अवस्थित किसी बैंक के ब्रांच में हो |

अन्य महत्वपूर्ण बातें :-
  1. लाभार्थी के फोटो (सेल्फी) का मिलान आधार डेटाबेस के फोटो से किया जायेगा अतः आधार का फोटो साफ होना चाहिए |
  2. एक आधार संख्या पर एक हीं रजिस्ट्रशन होगा |
  3. मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओo टीo पीo मोबाइल ऍप पर करना होगा |
इससे सम्बंधित सहायता सिर्फ बैंक खाता में हीं भेजा जायेगा |


अब आप समझ गए होंगें की कैसे जो लोग बिहार से बाहर रह गए है उन्हें बिहार सरकार की तरफ से सहायता राशी के रूप में 1000/- दिया जा रहा है 




 आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार कंट्रोल रूम  नंबर - 0612-2294204, 2294205

Thursday, 2 April 2020

प्रधान मंत्री जन धन योजना 2020 ||

महिलाओं के जन-धन खातों में जमा होगी 500 रुपये की पहली किस्त

               
 सरकार की ओर से महिला जन-धन खातों में 500 रुपये की किस्तें शुक्रवार से डलना शुरू हो जाएगी। लॉकडाउन के इस विकट समय में गरीबों को आर्थिक मदद देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में घोषणा की गई थी कि सभी महिला जन-धन खातों में तीन महीने तक 500 रुपये प्रति माह डाले जाएंगे। अब इस घोषणा के अनुसार, 500 रुपये की पहली किस्त सभी महिला जन-धन खाता लाभार्थियों को शुक्रवार को दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से देश भर में 21 दिन का लॉकडाउन का लागू किया हुआ है।

सामाजिक दूरी को बनाए रखने और लाभार्थियों द्वारा राशि की निकासी को सुनिश्चित करने के लिए बैंक इस महीने ये रुपये बांटने के लिए एक शेड्यूल का अनुसरण करेंगे। यह शेड्यूल लाभार्थियों के बैंक अकाउंट के अंतिम नंबरों पर आधारित है। शेड्यूल के अनुसार जिन महिला जन-धन अकाउंट का अंतिम अंक 0 या 1 है, वे 3 अप्रैल 2020 को बैंक जाकर राशि की निकासी कर सकते हैं। 


इसी तरह जिन महिला जन-धन खातों के अकाउंट नंबर का आखिरी अंक 2 या 3 है, वे 4 अप्रैल 2020 को राशि की निकासी कर सकते हैं। इसके अलावा जिन लाभार्थियों के अकाउंट नंबर का अंतिम अंक 4 या 5 है, वे 7 अप्रैल 2020 को, जिनका 6 या 7 है, वे 8 अप्रैल 2020 को और जिनका 8 या 9 है, वे 9 अप्रैल 2020 को राशि की निकासी कर सकते हैं। वहीं, 9 अप्रैल के बाद लाभार्थी किसी भी कार्यकारी दिन अपनी सुविधा अनुसार बैंक से रुपयों की निकासी कर सकते हैं।


बैंकों ने सभी लाभार्थियों से सहयोग करने और सभी की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निवेदन किया है। यहां आपको बता दें कि सरकारी निर्देशों के अनुसार फिलहाल किसी भी बैंक एटीएम से निकासी पर कोई शुल्क लागू नहीं है। 

किसानों का बनेगा अब यूनिक पहचान पत्र 2020 ||

किसान आसानी से उठा पाएंगे लाखों की स्कीम का फायदा


                      केंद्र सरकार (Government of India) किसानों (Farmers) के लिए यूनिक फार्मर आईडी (Unique farmer ID) यानी पहचान पत्र बनाने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan Samman Nidhi Scheme) और अन्य योजनाओं के डेटा को राज्यों द्वारा बनाए जा रहे भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से जोड़ने की योजना है. इस डेटाबेस के आधार पर किसानों का विशिष्‍ट किसान पहचान पत्र बनेगा || केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक न्यूज़ मे इसकी जानकारी दी  है ||

क्या है सरकार की योजना:-
कृषि मंत्री ने कहा कि अभी इस पर चर्चा ही हुई है. काम आगे नहीं बढ़ा है. क्योंकि कोरोना वायरस (Covid-19) की वजह से सबका ध्यान अब इससे निपटने पर लगा हुआ है. लेकिन किसान पहचान पत्र बनने के बाद उन तक खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं को पहुंचाना आसान हो जाएगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यों के परामर्श से एक संयुक्त किसान डेटाबेस बनाने की प्रक्रिया में है. पहले चरण में पीएम-किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड करीब 10 करोड़ किसानों को इसमें कवर किया जाना है.

तकनीकी तौर पर कौन कहलाता है किसान:-
इस समय देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं. जिनमें से 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं. यानी जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम खेती है. तकनीकी तौर पर किसान कहलाने के लिए सरकारी पैमाना है. इस पैरामीटर पर खरे उतरने वाले ही खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.

राष्ट्रीय किसान नीति-2007 के अनुसार 'किसान' शब्द का मतलब उगाई गई फसलों की आर्थिक या आजीविका क्रियाकलाप में सक्रिय रूप से शामिल व्यक्ति तथा अन्य प्राथमिक कृषि उत्पादों को उगाने वाले व्यक्ति से है.

इसमें काश्तकार, कृषि श्रमिक, बटाईदार, पट्टेदार, मुर्गीपालक, पशुपालक, मछुआरे, मधुमक्खी पालक, माली, चरवाहे आते हैं. रेशम के कीड़ों का पालन करने वाले, वर्मीकल्चर तथा कृषि-वानिकी जैसे विभिन्न कृषि-संबंधी व्यवसायों से जुड़े व्यक्ति भी किसान हैं.


कितने गांवों का रेवेन्यू डेटा हुआ डिजिटल:-
देश में 6,55,959 गांव हैं. बीती 4 फरवरी तक इनमें से 5,91,421 गांवों के रेवेन्यू रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन या कहें कि कंप्यूटरीकरण हो गया है. भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस का कंप्यूटरीकरण (Digitization of Land Records) होने के बाद किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वालों का वेरीफिकेशन आसान हो जाएगा.

केंद्र सरकार के पास करीब 10 करोड़ किसान परिवारों का आधार, बैंक अकाउंट नंबर और उनके रेवेन्यू रिकॉर्ड की जानकारी प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के तहत एकत्र हो चुकी है. इस डेटाबेस को मिलाकर यदि पहचान पत्र बनाने की कल्पना यदि साकार होती है तो किसानों का काम काफी आसान हो जाएगा.

बिहारः ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट के लिए न हों परेशान 2020 ||

TRANSPORT DEPARTMENT GOVERNMENT OF BIHAR


लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बिहार परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन की वैधता को बढ़ाया गया है.

पटना. कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर जारी देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति में बिहार में भी कई सरकारी दफ्तरों के काम-काज पर असर पड़ा है. इस कारण कई लोगों को यह चिंता सताने लगी है कि लॉकडाउन के बीच अगर उनके ड्राइविंग लाइसेंस या गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की वैधता खत्म हो जाएगी, तब क्या करेंगे. ऐसे में बिहार परिवहन विभाग (Transport Department) ने वाहन चालकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. बिहार परिवहन विभाग ने वाहन चालकों को राहत देते हुए ड्राइविंग लाइसेंस (DL), रजिस्ट्रेशन और परमिट की वैधता 30 जून तक के लिए बढ़ा दी है.


किनको मिलेगा लाभ:-



वैसे लोग जिनकी गाड़ी के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस अथवा रजिस्ट्रेशन 1 फरवरी 2020 के बाद फेल हो गया है वैसे लोगों को राहत देते हुए उनकी वैधता 30 जून तक बढ़ा दी गई है. लॉकडाउन की हालत में जहां सभी कार्यालय बंद हैं, वहीं लोगों के बाहर आने पर प्रतिबंध है, ऐसे में वाहन मालिकों के लिए यह बड़ा परेशानी का सबब था. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने निर्देश जारी करते हुए अगले 30 जून तक सभी की वैधता बढ़ा दी है.

वाहन मालिकों की परेशानी को देखते हुए परिवहन विभाग ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को यह निर्देश भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि वाहनों के कागजात डीएल या परमिट के लिए किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन की स्थिति खत्म होने के बाद परिवहन विभाग कई शिविर लगाएगा. शिविर लगाकर वाहन मालिकों के कागजात अपडेट किए जाएंगे.

राशनकार्ड धारकों के खाते में एक-एक हजार रुपये डालें जायेंगें ||

राशनकार्ड धारकों के खाते में पैसा ||



कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन को देखते हुए बिहार सरकार ने की थी घोषणा | अब आपदा प्रबंधन विभाग गुरुवार से राशनकार्ड धारकों के खाते में राशि डालना शुरू करेगा ||

बिहार के राशनकार्ड धारिकों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से की गई घोषणा के तहत गुरुवार से ही राशनकार्ड धारकों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजना शुरू किया जाएगा. आपदा प्रबंधन विभाग ये राशि पहुंचाना शुरू करेगा | बताया जा रहा है कि करीब 168 करोड़ रुपये की कुल राशि सीधे कार्डधारकों के खाते में डीबीटी के जरिए भेजी जाएगी. गौरतलब है कि कोरोना (Corona) के चलते 23 मार्च को बिहार में लॉकडाउन घोषित होने के दो दिन बाद 25 मार्च को बिहार सरकार ने लोगों की सहायता के लिए बड़ी घोषणा की थी. इसके अनुसार लॉकडाउन क्षेत्र के सभी नगर निकाय क्षेत्रों, प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित पंचायतों में मौजूद राशन कार्डधारी परिवार को एक हजार रुपये दिए जाएंगे ||

किसान क्रेडिट कार्ड पर अब 31 मई तक मिलेगी छूट ||

किसानों के लिए हुआ बड़ा ऐलान



          किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर लिए गए कर्ज अदायगी की तारीख अब 31 मई हुई, लॉकडाउन के दौरान किसानों की परेशानी समझते हुए नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला, सिर्फ 4 फीसदी ब्याज दर पर होगा भुगतान ||
कोरोना वायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. किसान क्रेडिट कार्ड  पर बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली कर्जों के भुगतान की तारीख दो माह तक बढ़ा दी है. इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है. मतलब ये है कि अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को बिना किसी बढ़े ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं. इससे करीब 7 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक परिवारों को राहत मिलेगी ||

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसे में कई किसान अपने बकाया कर्ज के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं. इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री  और उनका भुगतान लेने में कठिनाई हो रही है. इसलिए इन्हें छूट प्रदान की गई है. इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी ||



खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है ||

अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है. कोविड-19 संकट को देखते हुए सरकार ने इसी बढ़े ब्याज पर राहत देकर 31 मई तक उनसे सिर्फ 4 फीसदी रेट पर ही पैसा वापस लेने का फैसला लिया है ||

Wednesday, 1 April 2020

PM-किसान सम्मान निधि स्कीम: 80 लाख किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे गए 2-2 हजार रुपये 2020 ||

PM-Kisan Scheme 2019-2020


मोदी सरकार ने एक ही दिन में किसानों को ट्रांसफर किए 1600 करोड़ रुपये, पूरे सप्ताह भेजे जाएंगे किसानों को पैसे ||

                                 केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 80 लाख किसानों के अकाउंट में पैसा भेजने की बात कहीं  है. उन्होंने बताया कि गरीबों और किसानों को ज्यादा असर न पड़े इसके लिए सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि डायरेक्ट बेनिफट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 1600 करोड़ की रकम एक ही दिन में ट्रांसफर की गई ||                              
                                     मोदी सरकार ने कोरोना संक्रमण  के संकट से किसानों  को उबारने के लिए उनके अकाउंट में इसी सप्ताह 2-2 हजार रुपये भेजने का फैसला किया है. सरकार ने देश के 80 लाख किसानों के अकाउंट में 2000-2000 रुपये भेज दिए हैं. यह रकम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि  के तहत रजिस्टर्ड किसानों को भेजी गई है. जल्द ही करीब 9 करोड़ अन्य किसानों के अकाउंट में भी पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा ||

                                      प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश में करीब 9 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं. ऐसे में इतने परिवारों को सीधे 18 हजार करोड़ रुपये की मदद इसी हप्ते में मिल सकती है. देश में करीब 14.5 करोड़ किसान हैं, लेकिन इस स्कीम के तहत सभी का वेरीफिकेशन नहीं हो पाया है. कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जो पैसा अभी भेजा जा रहा है वो इस स्कीम के दूसरे चरण की दूसरी किश्त है. लॉकडाउन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण और राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आर्थिक पैकेज में किसान सम्मान निधि का भी जिक्र किया था ||

पैसा न मिले तो क्या करें :-
अगर आपको पहले सप्ताह में पैसा न मिले तो अपने लेखपाल, कानूनगो और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. वहां से बात न बने तो केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी हेल्पलाइन (PM-Kisan Helpline 155261 या 1800115526 (Toll Free) पर संपर्क करें.

वहां से भी बात न बने तो मंत्रालय के दूसरे नंबर (011-23381092) पर बात करें. स्कीम का दूसरा चरण भी शुरू हो चुका है जिसके तहत 2000 रुपये की पहली किश्त करीब 3.5 करोड़ लोगों को मिल चुकी है ||

इन ‘किसानों’ को नहीं मिलेगा लाभ :-
(1) ऐसे किसान जो भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक हैं, वर्तमान या पूर्व मंत्री हैं, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद हैं तो वे इस स्कीम से बाहर माने जाएंगे. भले ही वो किसानी भी करते हों.

(2) केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं.

(3) पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा.

(4) पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे.

(5) केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों लाभ मिलेगा ||




SBPDCL receipt kaise nikale 2022 ||

  SBPDCL receipt kaise nikale 2022   CSC DIGITAL SEVA PORTAL SE BIJALI BILL                                         यदि आप एक csc vle है और...